धन उगाहना 15 सितंबर, 2024 – 1 अक्टूबर, 2024
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পাঁচটি মনের মতো উপন্যাস
প্রফুল্ল রায়
ধনপতি
শমিতা
ছিবলি
সুজাতা
বলেছিল
সোমনাথ
ভেতর
গিয়েছিল
উপন্যাস
মোতি
পাঁচটি
বকুল
অন্বা
ধনপতির
তাকিয়ে
জিগ্যেস
গলায়
ছিবলির
সোমনাথের
শংকর
মতন
পারুল
সুজাতার
হ্যা
কামেশ্বর
সীতা
অনিমেষ
মুক্তো
আস্তে
শমিতার
সুরে
বলেছে
উঠেছিল
হয়তো
রয়েছে
দিয়েছে
নওলকিশোর
যাচ্ছিল
হয়েছিল
মেয়েটা
মহীতোষ
মেয়ে
নিশ্চয়ই
এসেছিল
লক্ষ
সুরজিৎ
পড়ল
কিছুক্ষণ
খেয়ে
পারুলের
साल:
2022
भाषा:
bengali
फ़ाइल:
PDF, 20.53 MB
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bengali, 2022
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